- गाडरवाड़ा सुपर थर्मल पावर स्टेशन को किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड (KBL) की शक्ति
- सिंगा का 'फक्कर' फिल्म के लिए नया और दमदार लुक महाकुंभ यात्रा के दौरान फैंस को दंग कर दिया
- Singga’s Bold New Avatar for ‘Fakkar’ Leaves Fans in Awe During Mahakumbh Pilgrimage
- पुष्पा के को-डायरेक्टर पवन हुए कशिका कपूर की परफॉर्मेंस से प्रभावित, कहा – "वो कैमरे के सामने कमाल करती हैं, LYF के बाद बहुत बिजी हो जाएंगी"
- Pushpa Co-Director Pavan Impressed by Kashika Kapoor’s Performance in His Next Directorial ‘LYF’, Says She is an Amazing Performer and Does Wonders in Front of the Camera and she will get very busy after LYF release
अनजाने में कर दिए हैं पाप तो ऐसे करें प्रायश्चित
![](https://indoremirror.in/wp-content/uploads/2018/09/yagya.jpg)
डॉ श्रद्धा सोनी
“”सभी धर्मों में पाप-पुण्य का महत्व है. किसी के द्वारा किए गए सही और गलत कामों को पाप-पुण्य में बांटा जाता है. जानबूझकर किए गए पाप के लिए दंड अनिवार्य है. लेकिन अनजाने में पाप हो जाए तो उसके लिए हर धर्म में प्रायश्चित के तरीके भी बताए गए हैं.
हिंदू धर्म में अनजाने में हुए पाप के लिए क्या प्रायश्चित के तरीके हैं .कहा जाता है कि अंजाने में हुए पाप पर प्रायश्चित के लिए सालों पहले महाराज परीक्षित ने भी सवाल किया था, जिसे श्रीमद्भागवत के षष्टम स्कन्ध में दर्ज किया गया था.
महाराज परीक्षित ने शुकदेव से सवाल किया था कि ‘यदि हम अनजाने में कोई पाप करते हैं तो उसका प्रायश्चित कैसे किया जाए? कई बार हम अनजाने में अपने पैरों तले चीटियों को रौंद देते हैं, श्वास के माध्यम से वायु में मौजूद जीवों को नष्ट करते हैं, लकड़ियों को जलाते समय उस पर मौजूद जीवों का नाश कर देते हैं. तो ऐसे पापों का प्रायश्चित कैसे किया जाए ?’
कौन थे शुकदेव
शुकदेव महाभारत काल के मुनि थे. वह वेदव्यास के पुत्र थे. शुकदेव बचपने में ही ज्ञान प्राप्ति के लिए वन में चले गये थे. इन्होंने परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनाया था. शुकदेव जी ने व्यास से महाभारत पढ़ा था और उसे देवताओं को सुनाया था.अंजाने में हुए पापों के लिए शुकदेव ने बताए प्रायश्चित के तरीके””
– आचार्य शुकदेव ने अंजाने में हुए पापों से मुक्ति के लिए रोज प्रतिदिन 5 प्रकार के यज्ञ करने की सलाह दी. शुकदेव ने कहा था, ये कोई बड़े यज्ञ नहीं सरल शास्त्रीय उपाय हैं. ये 5 यज्ञ मनुष्य को अनजाने में किए गए बुरे कृत्यों के बोझ से राहत दिलाते हैं.
– पहला यज्ञ- आचार्य शुकदेव के अनुसार यदि अनजाने में हम कोई पाप कर देते हैं तो हमें उसके प्रायश्चित के लिए रोजाना गऊ को एक रोटी दान करनी चाहिए. जब भी घर में रोटी बने तो पहली रोटी गऊ ग्रास के लिए निकाल देना चाहिए.
– दूसरा यज्ञ- आचार्य शुकदेव के अनुसार, चींटी को 10 ग्राम आटा रोज वृक्षों की जड़ों के पास डालना चाहिए.
– तीसरा यज्ञ- आचार्य शुकदेव के अनुसार, पक्षियों को अन्न रोज डालना चाहिए.
– चौथा यज्ञ- आचार्य शुकदेव के अनुसार, आटे की गोली बनाकर रोज जलाशय में मछलियों को डालना चाहिए.
– पांचवां यज्ञ- आचार्य शुकदेव के अनुसार, रोटी बनाकर उसके टुकड़े करके उसमें घी-चीनी मिलाकर अग्नि को भोग लगाएं.आचार्य शुकदेव के अनुसार यदि कोई रोजाना ये 5 यज्ञ सम्पन्न करता है तो वह अंजाने में हुए पापों के बोझ से मुक्ति पाता है।